चांदनी रात थी हल्की बरसात थी वह धीरे धीरे मेरे करीब होती जा रही थी दिल की बात कह देने मे सिर्फ चंद लम्हों की दूरी थी मगर इजहार कर नहीं पाया ना जाने कैसी मजबूरी थी
शायरी मस्ती | हिंदी शायरी | शायरी संग्रह | शायरी मनोरंजन
शायरी मस्ती | हिंदी शायरी | शायरी संग्रह | शायरी मनोरंजन