दिल में सुनामी आ गई जब उनकी बेवफाई का पता चला सारे अरमान टूट कर बिखर गए आंखों में नमी और उनके वादों इरादा का दर्द जिंदगी भर भुला नहीं सकता
चांदनी रात थी हल्की बरसात थी वह धीरे धीरे मेरे करीब होती जा रही थी दिल की बात कह देने मे सिर्फ चंद लम्हों की दूरी थी मगर इजहार कर नहीं पाया ना जाने कैसी मजबूरी थी